भ्रष्टाचार – एक विशद समीक्षात्मक अध्ययन

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यह संकलन इस ज्वलंत समस्या को गहन परिप्रेक्ष्य से देखने का एक प्रयास है तथा इस समस्या से बाहर निकलने का रास्ता सुझाने का प्रयास करता है।

Description

विषय सूची
I. भूमिका5
II. मानवजाति के विकास में अपनी अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रकाश में भारत की वर्तमान स्थिति पर एक गहरा परिप्रेक्ष्य
III. तर्कबुद्धि के युग और उसकी उपलब्धियों पर एक परिप्रेक्ष्य
IV. आधुनिक मनुष्य की आर्थिक बर्बरता और उसके परिणाम
V. भारतीय परिदृश्य
A. ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
(i) समाजवादी आर्थिक योजना
(ii) हरित और श्वेत क्रांति
(iii) आर्थिक उदारीकरण – पाश्चात्य पूँजीवादी मॉडल को अपनाए जाना
B. भारत में वर्तमान स्थिति
VI. भष्टाचार क्या है?
A. मूल या सामान्य प्रकार
B. कानून-संहिता और भ्रष्टाचार
C. सौंदर्यात्मक, नैतिक और धार्मिक संहिताएँ और भ्रष्टाचार
D. आध्यात्मिक संहिता या आचारनीति और भ्रष्टाचार
VII. यह हमें कहाँ ले जा सकता है – व्यावसायिक और उपयोगितावादी भाव का कार्य और इसकी संभावित परिणति
A. गुप्त स्रोत
B. उपयोगितावादी भाव के बढ़ाव की प्रक्रिया की कुछ विशेषताएँ और उसकी परिणति
VIII. समस्या का समाधान
A. एक अनिवार्य आवश्यकता – मानव एकता का संगठन
B. एकमात्र उपाय

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