Description
‘‘विश्व में केवल एक ही ऐसा राष्ट्र है जो यह जानता है कि केवल एक ही ‘सत्य’ है जिसकी ओर सब कुछ को मोड़ देना चाहिए, और वह है भारत। अन्य राष्ट्र यह भूल चुके हैं, परंतु भारत में यह बोध लोगों में अंतर्निहित है, और एक दिन यह बाहर आ जाएगा। …. मैं देश की स्थितियाँ जानती हूँ। यदि एक भी व्यक्ति अपने-आप को श्रद्धापूर्वक सत्य की सेवा में सौंप सके, तो वह राष्ट्र को और विश्व को बदल सकता है। – श्रीमाँ
भारत वह देश है जहाँ चैत्य विधान शासन कर सकता है और अवश्य करना चाहिए और उसका समय अब आ गया है। इसके अतिरिक्त, यही इस देश के लिए एकमात्र संभव मुक्ति-मार्ग है, जिसकी चेतना दुर्भाग्यवश विदेशी राष्ट्र के प्रभाव एवं आधिपत्य के कारण विकृत हो गई थी पर जो, सब कुछ के बावजूद, एक अनूठी आध्यात्मिक विरासत रखता है।
आशीर्वाद। – श्रीमाँ