Description
संक्षिप्त स्कन्दपुराण ग्रन्थाकार—यह पुराण कलेवरकी दृष्टि से सबसे बड़ा है तथा इसमें लौकिक और पारलौकिक ज्ञानके अनन्त उपदेश भरे हैं। इसमें धर्म, सदाचार, योग, ज्ञान तथा भक्तिके सुन्दर विवेचनके साथ अनेकों साधु-महात्माओंके सुन्दर चरित्र पिरोये गये हैं। आज भी इसमें वॢणत आचारों, पद्धतियोंके दर्शन हिन्दू समाजके घर-घरमें किये जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें भगवान् शिवकी महिमा, सती-चरित्र, शिव-पार्वती-विवाह, काॢतकेय-जन्म, तारकासुर-वध, आदिका मनोहर वर्णन है।
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